सूर्यग्रहण सितंबर 2025

🌞 सूर्यग्रहण सितंबर 2025: पूरी जानकारी और शुभ समय

तारीख: 21 सितंबर 2025

प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहण

दृश्यता: न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और कुछ प्रशांत द्वीप

> भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा क्योंकि इस समय सूर्य अस्त हो चुका होगा।

🕒 ग्रहण का समय (IST)

प्रारंभ: 21 सितंबर, रात 10:59 बजे

ग्रहण का अधिकतम समय: 22 सितंबर, सुबह 1:11 बजे

समाप्ति: 22 सितंबर, सुबह 3:23 बज

🌍 ग्रहण दिखाई देने वाले क्षेत्र

न्यूज़ीलैंड: दक्षिणी भागों में लगभग 80% दृश्यता

ऑस्ट्रेलिया: पूर्वी क्षेत्र में आंशिक दृश्यता

अंटार्कटिका: पूरी तरह से ग्रहण दिखाई देगा

प्रशांत द्वीप: फ़िजी, टोंगा और सामोआ में अलग-अलग दृश्यता

> भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

🕉️ आध्यात्मिक महत्व

यह ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के दिन पड़ रहा है।

इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है।

ग्रहण के समय धार्मिक कर्म करने से बचना चाहिए।

सुझावित कार्य:

1. स्नान करें: ग्रहण से पहले और बाद में शुद्धिकरण के लिए स्नान।

2. श्राद्ध एवं तर्पण: पितरों की आत्मा की शांति के लिए।

3. मंत्र जाप: पितरों के लिए प्रार्थना और जाप।

4. पीपल वृक्ष की पूजा: जल अर्पित करें और आशीर्वाद लें।

⚠️ ग्रहण के दौरान करें और न करें

करें (Dos):

ध्यान और प्रार्थना करें।

धार्मिक ग्रंथ पढ़ें।

पवित्र जल (गंगाजल) का छिड़काव करें।

न करें (Don’ts):

ग्रहण के समय भोजन न करें।

नई शुरुआत या कार्य न करें।

खाना बनाना और तेज वस्तु का प्रयोग न करें।

अनावश्यक शारीरिक संपर्क से बचें।

🌌 ग्रहण का सुरक्षित अवलोकन

जो लोग ग्रहण दिखाई देने वाले क्षेत्रों में हैं, वे विशेष सुरक्षात्मक चश्मे (eclipse glasses) का उपयोग करें।

भारत में लोग लाइव स्ट्रीम के माध्यम से ग्रहण देख सकते हैं।

🔮 ज्योतिषीय प्रभाव

ग्रहण कन्या राशि में हो रहा है।

स्वास्थ्य, दिनचर्या और सेवा से जुड़े विषयों पर ध्यान दें।

अचानक निर्णय लेने से बचें; यह आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक जागरूकता का समय है।

📅 आगामी ग्रहण

17 फरवरी 2026: अगला सूर्य ग्रहण, भारत में दिखाई नहीं देगा।

सारांश:

21 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका आध्यात्मिक महत्व और पितृ अमावस्या के साथ जुड़ा होने के कारण यह दिन विशेष माना जाता है।

🌞 प्रमुख सूर्य मंत्र

1. सूर्य बीज मंत्र (Surya Beej Mantra)

यह मंत्र सूर्य देव की उपासना के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। इसे 108 बार जाप करने से मानसिक शांति और समृद्धि मिलती है।

🎧 सूर्य बीज मंत्र 108 बार

2. सूर्य ग्रह शांति मंत्र (Surya Graha Shanti Mantra)

इस मंत्र का जाप ग्रहण के दौरान शांति और नकारात्मक प्रभावों से बचाव के लिए किया जाता है।

🎧 सूर्य ग्रह शांति मंत्र

3. सूर्य गायत्री मंत्र (Surya Gayatri Mantra)

यह मंत्र सूर्य देव की उपासना के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

🎧 सूर्य गायत्री मंत्र

🎶 सूर्य ग्रहण भजन

1. सूर्य ग्रहण का सबसे बड़ा भजन

यह भजन सूर्य ग्रहण के दौरान सुनने के लिए उपयुक्त है।

🎧 सूर्य ग्रहण का सबसे बड़ा भजन

2. सूर्य देव अमृतवाणी

यह भजन सूर्य देव की स्तुति करता है और ग्रहण के समय सुनने के लिए उपयुक्त है।

🎧 सूर्य देव अमृतवाणी

📜 अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

सूर्य शतक (Surya Sataka): यह एक प्राचीन संस्कृत स्तोत्र है, जिसमें सूर्य देव की 100 स्तुतियाँ हैं। इसे नियमित रूप से पढ़ने से मानसिक शांति और समृद्धि मिलती है।

📖 सूर्य शतक

सूर्य उपनिषद (Surya Upanishad): यह उपनिषद सूर्य देव की महिमा का वर्णन करता है और आत्मा के सूर्य से एकत्व की बात करता है।

📖 सूर्य उपनिषद

 सितंबर 2025 का सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह आंशिक सूर्यग्रहण 21 सितंबर 2025 की रात 10:59 बजे IST से शुरू होकर 22 सितंबर को सुबह 3:23 बजे IST तक चलेगा। भारत में यह समय सूर्यास्त के बाद का है, जिससे यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध के देशों जैसे न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्से, अंटार्कटिका और कुछ दक्षिणी प्रशांत द्वीपों में देखा जा सकेगा।

भारत में इस ग्रहण के दौरान कोई धार्मिक प्रतिबंध (जैसे सूतक काल) लागू नहीं होंगे, क्योंकि यह ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा। हालांकि, इस दिन को लेकर कुछ पारंपरिक मान्यताएं हैं, जैसे शरद पूर्णिमा और सर्वपितृ अमावस्या का महत्व, जो विशेष पूजा और तर्पण के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।

यदि आप इस ग्रहण को देखना चाहते हैं, तो आप NASA या अन्य खगोलशास्त्रीय संस्थाओं द्वारा आयोजित लाइव स्ट्रीमिंग का अनुसरण कर सकते हैं। भारत में अगला सूर्यग्रहण 2 अगस्त 2027 को होगा, जो आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में भारत में दिखाई देगा।

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